वो अचानक सी चुप्पी
वो अचानक सी चुप्पी
और उस एक लम्हें में सब कुछ बदल गया...
बातों की जगह चुप्पी ने ले ली,
मुस्कुराहट की जगह ली आंसुओं ने।
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चाहती थी कि तुम रोक लो,
चाहती थी कि मैं रुक जाऊं...
पर हमारे दरमियान कुछ बिखर सा गया था।
सुना था क्या तुमने !
वो दिल के टूटने की आवाज़,
वो लबों पे दबी आवाज़।
पढ़े थे क्या तुमने !
वो आंखों में छुपे एहसास,
वो दुआओं में तुम्हारा नाम।
हां सुना था मैंने...और किया था अनसुना
बिल्कुल वैसे ही...जैसे तुमने किया था।