चलो , बिहार घूमते हैं
चलो , बिहार घूमते हैं
मुझे जनवरी पसंद है तुम्हें अगस्त
मुझे कॉफी पसंद है तुम्हें चाय
मुझे रुकना पसंद है तुम्हें घूमना
मुझे पहाड़ पसंद है तुम्हें नदियां
मुझे बिहार पसंद है तुम्हें दुनिया
इस पसंद नापसंद के चक्कर में हमें दूर होना ज़रूरी है क्या !
एक शहर रोहतास ढूंढा है जहां पहाड़ भी है और नदियां भी।
इस शहर में रुकना भी घूमने सा है
झील किनारे तुम्हारी चाय अगस्त सी खामोशी
और मेरी कॉफी जनवरी सा सुकून देंगी।
दुनिया से पहले अपना राज्य घूमते हैं
जिला, शहर और अपना गांव घूमते हैं।
सुबह और शामें एक सी ही हैं
नदी और झरने एक से ही हैं
लोग और अपने एक से ही हैं
साथी और सपने एक से ही हैं
हम और तुम एक से ही हैं।
मुझे तुम पसंद हो तुम्हें मैं।
चलो फिर,
दुनिया से पहले अपना राज्य घूमते हैं
जिला, शहर और अपना गांव घूमते हैं।
जो है जैसा है बस,
साथ साथ घूमते हैं।