तुम
तुम
क्या हसीन था वो लम्हा जिस लम्हे में तुमने हमें देखा था
अंखें यू मिली हमारी जैसी कि कोई प्यासे को पानी...
क्या तुम्हें भी कुछ महसूस हुआ था?
दबी आवाज़ में क्या दिल ने भी तुमसे कुछ कहा था?
पहले तो लगता है हमें की गलत फहमी है...
प्यार नहीं सिर्फ दो आंखों की नादानी है...
लेकिन कुछ ही दिनों में रातो से नींद गायब हो गई...
ख्यालों में तुम आने लगी... तुम्हें देखने की ख्वाहिश जगने लगी...
बस एक दीदार को आंखें तरस ने लगी....
कुछ इस तरह अहसास हुआ हमें तुमसे प्यार होने का...
बहाने ढूंढने लगे तुम्हें देखने के लिए... बातें बनाने लगे तुम से कहने के लिए...
वजह ढूंढने लगे तुम्हारे साथ रहने के लिये...
बस अब कह ही देते हैं दिल की बात तुम्हें ......
साथ अच्छा लगने लगा है अब हमें.... यूं ही साथ निभाना है जिंदगी भर के लिए...
क्या तुम साथ चलना चाहोगे हाथ थम के??
कहीं घबराई तो नहीं जाऊंगी ?? न हम वादा करते हैं आज से तुम्हारे हवाले है हमारा हर एक पल... साथ रहेंगे जब तक है इस दुनिया में हम...