मुलाकातें
मुलाकातें
वो हसीन मुलाकातें, वो प्यारी सी शाम,
वो तुम्हारी मीठी बातें, वो तुम्हारी तीखी नज़रें।।
कैसे भूल जाए हम वो हसीन पल
हमारे ज़िन्दगी के जो बिताए है हम ने तुम्हारे संग।।
पास जब भी होती हो तुम ,
मन करता है यह वक्त वहीं ठहर जाए।।
तुम हो साथ हमारे और हम तुम्ही में
कहीं घूम हो जाए।।
कुछ इस तरह से वो शाम गुजर जाए
हम आपकी बांहों में हो और कभी सुबह ना आए।।।
मुलाक़ात आपसे रोज़ करने को दिल चाहता है,
कभी खत्म न हो यह मुलाकातें यह आरजू करते है हम,
दिल का सुकून हो आप हमारे आपकी यादों में जी रहे है हम।।
दुआ करते है हम रब से यही
कभी खत्म ना हो यह मुलाक़ात का सिलसिला आपसे हमारा।।