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Rajeev Rawat

Romance

4  

Rajeev Rawat

Romance

रोशनी--दो शब्द

रोशनी--दो शब्द

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दिल तेरी मोहब्बत का तलबगार है

एक कतरा-ए-रोशनी जो पड़ जायेगी

 गुलशन - ए-दिल की बगिया में चांदनी

 फिर से ले कर अंगड़ाइयां महक जायेगी


ये मोहब्बत - ए-उल्फत अजब चीज है

न जाने किससे और कब हो जाये कहां

दिल तो दिल से मिल कर छेड़ दे तरन्नुम

उम्र की सीमा भी मोहब्बत में होती कहां


तेरे होंठों ने जो छू लिया मेरे होंठों को

बुझती अंगीठी भी फिर से दहक जायेगी

गुलशन - ए-दिल की बगिया में चांदनी

 फिर से ले कर अंगड़ाइयां महक जायेगी


तेरी गोदी में सर रख कर लेटे जो हम

इस जहाँ की फिजा ही बदल जायेगी

तेरी मोहब्बत की गर्मी से पिघल बदरी

तन की जमीं पर बारिश सी बरस जायेगी


तेरे धड़कन धड़क कर मेरी धड़कनों से 

जाने क्या क्या चुपके चुपके कह जायेगी

 गुलशन - ए-दिल की बगिया में चांदनी 

फिर से ले कर अंगड़ाइयां महक जायेगी


दिल तेरी मोहब्बत का तलबगार है

एक कतरा-ए-रोशनी जो पड़ जायेगी 

गुलशन - ए-दिल की बगिया में चांदनी 

फिर से ले कर अंगड़ाइयां महक जायेगी

                

              



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