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Savita Gupta

Romance

4  

Savita Gupta

Romance

ऐ दिल

ऐ दिल

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      1.

जुदा होकर चलो गलती, यहाँ हम मान जाते हैं ।

मिलन का आस है बाक़ी,सनम तुझको बताते हैं ।

       2.

बहुत रोया चलो थोड़ा,मनाकर आज़माते हैं ।

पिघल जाए तुम्हारा दिल,चलो तुझको मनाते हैं।

         3.

मज़ारों पर करें सजदा, यही कुछ काम है बाक़ी,

मन्नत का एक वो धागा,तुझे हम बाँध आते हैं ।

         4.

हिरासत में मुहब्बत के,तुम्हारे दिल फँसाया है,

बिना बंसी खिंचे कोई,जमाने को बताते हैं ।

      5.

बहुत देखा सितम हमने,हमारे हौसले भी अब,

बिना पतवार कश्ती भी,भँवर में फंस जाते हैं।

            6.

मज़ा आता नहीं जानम, बिना तेरे सवालों के,

जवाबों का ख़ज़ाना भी,तले क़दमों लुटाते हैं।

      7.

बड़े बेरहम हैं क्यूँ इस, तरह तनहा हमें छोड़ा,

नज़र हमसे मिलाइए, सविता को क्यूँ सताते हैं।


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