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Savita Gupta

Romance

4  

Savita Gupta

Romance

साजन

साजन

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आज दिल गाए एक मधुर तराना

रहा न जाए हुआ मन मस्त बेगाना।


आज पाँव के पायल का छमकना

हाथों की चुड़ियों का खनकना।


चेहरे से कांती का छलकना।

वेणी में गजरे का गुथना।


बारम्बार दर्पण निहारना।

घर के कोने कोने को सजाना।


बार बार बनना और संवरना।

अंग अंग में मस्ती का आलिंगन।


हर आहट पर मेरा चिहुंकना।

दिल का यूँ धक -धक धड़कना।


अलमस्त अदाएँ और मुस्काना।

फिजाओं में कस्तूरी का महकना।


कुछ कह रहा मस्ती भरा फसाना।

द्वार आने को हैं मेरे सजना।


चूड़ियों को ये मेरा है कहना।

देखो थोड़ा कम ही खनकना।


पायल तुम तो चुप ही रहना।

शोर थोड़ा धीमे से करना।


लेकिन गजरा तुम ख़ूब महकना।

क़सम है तुझको कुम्हला न जाना।


चंदा  आज तुम जल्दी आना

जाना जब काले मेघों को भेजना।


दिल को कैसे सँभालूँ आने को हैं सजना।

राधा बन इतराऊँ पहन मुस्कान का गहना।



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