STORYMIRROR

Dr. Akansha Rupa chachra

Romance

4  

Dr. Akansha Rupa chachra

Romance

तुम्हारा साथ

तुम्हारा साथ

1 min
235

जैसे तोहफ़े हज़ार

जैसे इत्र की बौछार

जैसे ग्रीष्म में साया

जैसे तरुवर की छाया

जैसे पूर्णिमा की रात

जैसे मधु की बरसात

जैसे सुरीला गीत

जैसे गुनगुनी शीत

जैसे फूलों का स्पर्श

जैसे जमीं से अर्श

जैसे रंगों का त्योहार

जैसे खुशियों का भंडार

जैसे भोर की लाली

जैसे पूजा की थाली 

जैसे भ्रमर का गुंजार

 जैसे प्रथम मेघ फुहार

 जैसे सोंधी सी सुगंध

 जैसे आत्मा का बंध

जैसे प्रेम की पाती

 जैसे दीप और बाती 

जैसे नाचता मयूर 

जैसे दिव्य कोई नूर

 जैसे अमर सा संगीत

 जैसे प्रीति हो पुनीत

 जैसे जलधि का ज्वार 

जैसे ईश्वर का द्वार

 जैसे पुष्प भरी राह 

जैसे मन की अमर चाह

 जैसे हृदय का लगाव

 जैसे अलौकिक स्वभाव 

जैसे रवि का प्रकाश

 जैसे अपरिमित आकाश।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance