STORYMIRROR

Vandana Srivastava

Romance

4  

Vandana Srivastava

Romance

बड़े प्यार से

बड़े प्यार से

1 min
368

ख्वाब जो देखे इन ऑंखों नें ,

काश! कि वो सारे पूरे हों ,

हाथों में मेरे हाथ तेरा हो,

दरमियॉं ना कुछ तेरा मेरा हो..!


छोटे छोटे से ख्वाब आंखों में सजे हैं,

जैसे फूलों के बाग अब महकने लगे हैं,

तितलियों के मंडराने का मौसम आ गया,

जुगनुओं के चमकने का मौसम आ गया..!


हाथों में मेंहदी पांवों में पायल बालों में गजरा हो,

माथे पर चमकती हुई लाली नैनों में कजरा हो,

करूं सोलह श्रृंगार ओढ़ कर चुनरिया लाल,

जब पास आते हो तुम तो लाल होते मेरे गाल..!


ख्वाबों में बसाया का़श हकीकत जमीनी हो जाये,

उतरो तुम बादलों से ये प्यार आसमानी हो जाये,

देखती हूं मैं खुली ऑंखों से ये ख्वाब सुहाने,

देखो देख मुसीबतें कहीं लगना ना तुम लड़खड़ाने..!


प्रेम की चाहत को ऑंखों में सजा रखा है,

तुमको ही अपनी गिरफ्त में मैंने कब से रखा है,

ये बंधन है जिसमें हम तुम बंधे बड़े प्यार से ,

इस जीवन को संग तुम्हारे जीना है बड़े प्यार से..!!


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance