आशियाना तुम्हारा 2
आशियाना तुम्हारा 2
मेरी डूबती कश्ती को किनारा मिला
जो मुझे तेरे इश्क़ का सहारा मिला
तुझ से मिल के नई जिंदगी मिली मुझे
जिसकी उम्मीद नहीं थी वो खुशी मिली मुझे
मैंने मांगा था दुआओं में रब से जो कभी
मुझे वो एक दोस्त प्यार से भी प्यारा मिला
चांद सा वो मुखड़ा उसका सितारों सी दो निगाहें है
पागल कर देती है मुझको ऐसी कयामत अदाएं है
नजरें उठती नहीं है अब किसी और की तरफ
तुझे देखकर इन आंखों को वो नज़ारा मिला
तेरी सूरत इस तरह दिल में बस गई है मेरे
मैंने जब भी आईना देखा अक्स बस तुम्हारा मिला
दिन में मायूस रातों को बेचैन रहता था मैं
तू आया तो मुझे सुकून का वो जजीरा मिला
ना रही तमन्ना अब बड़े महल की मुझे
जब से मुझे "प्रिंस" आशियाना तुम्हारा मिला

