तेरी मुहब्बत भुलाई न जाती
तेरी मुहब्बत भुलाई न जाती
उलफ़त दिलों से हटाई न जाती।
उम्मीद- आशा मिटाई न जाती।।
लौटा नहीं है गया यार जब से,
फिर भी हमारी इठाई न जाती।
बेचैन कितने तुम्हारे लिए हम,
दिल की लगी ये बताई न जाती।
छोड़ी नहीं आस मन से तुम्हारी,
लेकिन सही ये जुदाई न जाती।
मैं भूलने की करूँ लाख कोशिश,
तेरी मुहब्बत भुलाई न जाती।
तू बेवफ़ा है कहूँ यार कैसे?
जहमत दिली ये उठाई न जाती।
आओ सनम चाह तेरी पुकारे,
पावस अकेले बुझाई न जाती।
आशा कभी भी नहीं छोड़ना तुम,
मनहूसियत पास लाई न जाती।
बदनाम करना न इश्क़-ए-मुहब्बत,
पाई खुशी ये गँवाई न जाती।
टूटे दिलों को 'अमर' लाख जोड़ो,
लेकिन दिलों से खटाई न जाती।
इठाई=प्रीत

