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Amar Singh Rai

Abstract Romance Inspirational

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Amar Singh Rai

Abstract Romance Inspirational

तेरी मुहब्बत भुलाई न जाती

तेरी मुहब्बत भुलाई न जाती

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उलफ़त दिलों से हटाई न जाती।

उम्मीद- आशा मिटाई न जाती।।


लौटा नहीं है गया यार जब से,

फिर भी हमारी इठाई न जाती।


बेचैन कितने तुम्हारे लिए हम,

दिल की लगी ये बताई न जाती।


छोड़ी नहीं आस मन से तुम्हारी,

लेकिन सही ये जुदाई न जाती।


मैं भूलने की करूँ लाख कोशिश,

तेरी मुहब्बत भुलाई न जाती।


तू बेवफ़ा है कहूँ यार कैसे?

जहमत दिली ये उठाई न जाती।


आओ सनम चाह तेरी पुकारे,

पावस अकेले बुझाई न जाती।


आशा कभी भी नहीं छोड़ना तुम,

मनहूसियत पास लाई न जाती।


बदनाम करना न इश्क़-ए-मुहब्बत,

पाई खुशी ये गँवाई न जाती।


टूटे दिलों को 'अमर' लाख जोड़ो,

लेकिन दिलों से खटाई न जाती।


      

          इठाई=प्रीत


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