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Amar Singh Rai

Abstract Inspirational Others

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Amar Singh Rai

Abstract Inspirational Others

संविधान में सबका हित

संविधान में सबका हित

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(14 अप्रैल अंबेडकर जयंती पर विशेष)


 संविधान में सबका हित है


दूभर होता न्याय का मिलना,

 नियम का अगर विधान न होता।

  सोच के देखो क्या होता गर,

   संविधान निर्माण न होता।।


चुप रह-रहकर पीड़ा सहते,

 अभिव्यक्ति अधिकार न होता।

  शोषित-पीड़ित व्यक्ति भटकता,

    न्याय विधि अनुसार न होता।।


धर्म, संस्कृति, व समानता,

 स्वतन्त्रता का न हक होता।

  जिसकी लाठी भैंस उसी की,

    रोज बखेड़ा नाहक होता।।


आततायी अत्त अत्यधिक,

 अत्याचार ज़ुल्म बढ़ जाते।

   बेकसूर इंसान जेल में,

    अपराधी बाहर मुस्काते।।


यहाँ विषमता चरम पे होती,

 देश तरक्की न कर पाता।

  गरीब पिछड़ा और पिछड़ता,

   बच्चे न शिक्षित कर पाता।।


अधिकारों संग कर्तव्यों के,

 एक-एक विधान निहित है।

  गौरव करता देश समूचा, 

   संविधान में सबका हित है।।



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