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Amar Singh Rai

Abstract Inspirational Others

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Amar Singh Rai

Abstract Inspirational Others

समय

समय

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      (व्यंग्य)


माँ घर में बीमार पड़ी है।

अस्पताल के लिए खड़ी है।

उसकी दवा दिला देते हम,

लेकिन हमको समय नहीं है।...


पिता मर्ज से काँप रहा था।

दर्द के मारे हाँफ रहा था।

बैठ के पैर दबा तो देते,

लेकिन हमको समय नहीं है।...


दिखे राह जो खून बहाने।

तुरत वीडियो लगें बनाने।

करते मदद बचा भी लेते,

लेकिन हमको समय नहीं है।...


तकनीकी शिक्षा जो पाते।

बने निठल्ला मुफ़्त न खाते।

मेहनत अगर कहीं कर लेते,

लेकिन हमको समय नहीं है।...


परम्परा प्राचीन बिसर गयी।

आधुनिकता घरै पसर गयी।

नेक आचरण वृद्ध सिखाते,

लेकिन हमको समय नहीं है।...


बड़ों का बच्चे मान भूल गए।

अतिथों का सम्मान भूल गए।

हाय-हलो नहीं चरण को छूते,

लेकिन हमको समय नहीं है।...


समयागति तो सभी समझते।

समय से नवग्रह चाल बदलते।

लिखनी थीं कुछ और पंक्तियाँ,

लेकिन हमको समय नहीं है।...


  


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