प्यार वो नशा है...
प्यार वो नशा है...
हार वो नतीजा है जो..
इंसान को अंदर से तोड़ देता हैं।
दौलत वो नासाज़ मर्ज़ है जो...
इंसान से इंसान में फ़र्क करा देता है।
अभिमान वो दायरा है जो...
इंसानों की समझ पर पर्दा डालता हैं।
आकर्षण वो तिलस्म है जो...
इंसान जिसमें बस फँसता जाता है।
प्रेम या प्यार वो नशा है जो...
जिसमें इंसान बागी बन जाता है।
और इंसानियत वो जज्बा हैं जो...
हर इंसान में नहीं पाया जाता है।