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ritesh deo

Abstract

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ritesh deo

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मां

मां

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मेरे बच्चे 

वो कहानी जो अक्सर मैं तुझको सुनाती थी

उसमें थकी हारी जो लड़की थी

वह शहज़ादी नहीं थी

तेरी मां थी


वो जादू का महल जो एक पल में

जल में सहरा हो गया था

वो मेरा घर था

जहां आंखों की सुईयां रह गई थी

ख़्वाब मेरे थे

हजारों आग के मैदान थे

बारिश लहू की थी

यह सबकुछ मेरा किस्सा था

ये सबकुछ मुझपे गुजरी थी


मेरे बच्चे

वह शहज़ादी नहीं थी

तेरी मां थी...


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