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amresh rout

Abstract

4.6  

amresh rout

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रोना है मुझे

रोना है मुझे

1 min
334


कभी पूछ बी तू ले ये हाले दिल केसी है,

आज फिर तेरी बाहों में सिमट ने की चाह है,

तेरे बिछड़ने के गम में आज जी भर के रोने को मेरा मन है।


ना मुस्कुरा सका कभी तेरी आने की खुशी में,

ना अभी रो रहा हूं तेरी जाने की गम में।

 जब जब देखा तेरी हिरनी जैसी आंखे मेरे खयालों में,

पूरी कायनात बदल जाती है चारो ओर में।


 सोचता हु फिर तेरी ओ गुलाब होठो को,

जो कभी थकता नहीं था प्यार भरी बातें मेरे से करने को।

 आज दिल कर रहा है जी भर के रोने को तेरे बाहों में,

किया देखते इसे आओगी और सीने से

लगा उगी सब भुला के कुछ पल में मुझे...?


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