भुला गया मैं
भुला गया मैं
जिस नजर और दिल ने चाहा तुम्हें,
किस्मत ने भुलाने को कसम दिया तुझे ,
कसमों की जाल ने ऐसा फसाया दूर होने लगे हम एक दूसरे से,
जो कभी ना मंजूर था मुझे।
अब भी अकेले बिस्तर पे जब शो जाता हूं मैं,
दिल की धड़कने तेज हो जाती है, जब देखता हूं हमारी पुरानी यादें सपनो में,
क्या तू वी देखती है ऐसा सपने जो जगाती है तुझे बार बार रात भर घंटों में।
लंबा सफर तय करना है ऐसे ही हमें, क्योंकि शुरुआत तूने कर ही दिया है,
वस मेरा हिस्से का काम हमारे लिए बाकी है।
संभल जाएगी तू बहुत जल्द ये अच्छे से पता था मुझे, लेकिन शायद तू कितने खास मेरे लिए कभी बता ना पाया तुझे, भुला दिया इसलिए तेरे दिल ने बहुत जल्द मुझे।
तूने कितनी आसान से मिटा दी हमारी सारी यादें, मेरा वी जी करता है मिटा दुं सब कुछ एक पल में, मगर मेरे दिल ने साफ मना कर दिया ऐसा कुछ करने को मुझे कास तेरे दिल ने बी यही कहा होता तुझे।
अब टूट के बिखर गया हमारी सारी पूरानी बातें,
क्योंकि समेट रही है तू अभी किसी और के साथ कुछ हसीन यादें।