दशानन के सर पर अब मौत का साया मंडराया था उसने अपनी मौत को खुद बुलाया था, दशानन के सर पर अब मौत का साया मंडराया था उसने अपनी मौत को खुद बुलाया था,
कालरात्रि दुख हर लेती, शनि जो बहुत सताए। नीलम पहन माॅं-भक्ति से, संकट भी टल जाए। कालरात्रि दुख हर लेती, शनि जो बहुत सताए। नीलम पहन माॅं-भक्ति से, संकट भी टल ज...
पल पल जिन्दगी बदलती है नवग्रहों की चाल से। हर पल जिन्दगी निखरती है ग्रहों के क़माल से। पल पल जिन्दगी बदलती है नवग्रहों की चाल से। हर पल जिन्दगी निखरती है ग्रहों के ...