Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!
Unlock solutions to your love life challenges, from choosing the right partner to navigating deception and loneliness, with the book "Lust Love & Liberation ". Click here to get your copy!

ritesh deo

Romance

4  

ritesh deo

Romance

फुरसत के पल

फुरसत के पल

1 min
384



कहां चले गए

वह फुर्सत के पल

जब बाहों में बाहें डाले

सैर करते थे हम

गोमती की नदी के किनारे

बैठकर घंटों

देखा करते थे नजारे


जब बालकनी में बैठकर

फुर्सत में पीते थे हम

चाय, एक दूसरे की आंखों में देख कर


जब यूं ही, मन बन जाता था

सैर करने का

तो पैदल ही निकल पड़ते थे

गंजिंग करने

फुटपाथ पर लगे हुए

ठेलों पर अक्सर खाते थे हम

दही बताशे,


यूं ही कभी अठखेलियां करती हुई

मैं, तुम्हारे साथ बैठकर घंटों

करती थी बातें उटपटांग

हंसती थी, मुस्कुराती थी

खिलती थी,चहचहाती थी

यूं ही तुम, मेरी आंखों में

आंखें डाले घंटों देखा करते थे

तुम्हारी आंखों में झांकती हुई मैं

तुम्हारी मन की शरारत को पहचानते हुए

झुका लेती थी खुद से अपनी आंखें, शरमाकर❤️

कहां गए वह फुरसत के दिन


जब तुम यूं ही अपनी पसंद की

साड़ी,के पल्लू ,तो कभी प्लेट्स को खुद ही बनाया करते थे

झुककर, मुस्कुराते हुए

ऐसा लगता था कि कितना प्यार है हम दोनों के बीच

कहां गए वह पुराने, इश्क के

मोहब्बत के जमाने,


जब यूं ही तुम

सुबह-सुबह अखबार के साथ

मेरे संग ही करने लगते थे

चाय-चर्चा

घंटो बीत जाते थे लेकिन तुम थकते नहीं थे और मैं भी तुम्हारी बातें सुन सुन कर


जब यूं ही तुम मुझे बाहों में भर कर समेट लेते थे

मेरे सारे गमों को, बदल देते थे

मोहब्बत में


जब सावन के झूलों को

खुद से बना कर, मुझे बिठाकर

पीछे से तुम झुलाया करते थे

कहां गए वह पुराने

फुर्सत के दिन

मोहब्बत के दिन।



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance