शायरी
शायरी
तेरी मांग में सिंदूर अब
मेरे जिगर का खून है
तेरी पलकों में छाई खुशी
मेरी नज़र का नूर है
जो होना था वो हो गया
फिर भी है दिल की यह दुआ
लगा कर उसको सीने से
मुझे तू दिल से दे भुला
इस बेवफाई में तेरी
छलकता रहे मेरा प्यार
दुनिया तेरी आबाद हो
तेरे चमन में हो बहार
तेरे ख्वाबों की दुनिया पल में
सच्चाई में ढल जायेगी
सौन्दर्य का वो चांद जब
तेरी गोद में सो जायेगा।