चंदा की चांदनी संग
चंदा की चांदनी संग
चंदा की चांदनी संग
तारों की छांव में
दिले-मुसाफिर चला
अंजान राहों में
न आगे कोई पीछे
न कोई दायें बायें
सुनसान रास्ते पर
दिले-मुसाफिर चला
मंजिल की चाह में
यादों का कारवां बना
हमसफर राह में
हर भूल को भुला कर
दिले - मुसाफिर चला
मंजिल की चाह में
मंजिल मिले न मिले
चलना है उम्र भर
सांसों का काफिला है संग
मंजिल की चाह में