कविता
कविता
सुख शान्ति का वरदान
हर जन का कल्याण
मोह माया को
त्याग के मानव
नई उमंगों से करना
नव वर्ष के आगमन का सत्कार
नव वर्ष में भी होंगे
वही दिन वही रात
वही महीनों के नाम
वही सुबह शाम
फिर भी
खुले दिल से करना
नव वर्ष के आगमन का सत्कार
नव वर्ष की सुबह
नया जोश ,नई योजनाएं
नये प्रण के साथ
कोहरे की चादर में ढक देना
गत वर्ष की कड़वी याद
होंठों पर लेकर मुस्कान
खुले दिल से करना
नव वर्ष के आगमन का सत्कार।
