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Diya Jethwani

Romance

4  

Diya Jethwani

Romance

इतना काफी है..

इतना काफी है..

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उम्र के इस पड़ाव में.. 

हम तुम साथ हैं.. 

बस इतना काफी हैं..।। 


जिंदगी भाग दौड़ में निकाल दी.. 

बेटों को बहूंए.. और बेटियों को दामाद थमा दिए.. 

हर फर्ज अपना अदा किया.. 

बस इतना काफी हैं..। 


जमीन भी दे दी.. 

जायदाद भी दे दी.. 

अपने खुन की हर एक बुंद भी दे दी.. 

तुम मेरे साथ हो.. 

बस इतना काफी हैं..। 


हमसफ़र के मायने तुने सिखा दिए.. 

मेरे दर्द अपने पल्लू से बांध दिए.. 

मेरी हर बिमारी से तुम भी लड़ी हो.. 

तुम मेरे साथ हो.. बस इतना काफी हैं..। 


ना चाहत हैं बेटों की.. 

ना उम्मीद हैं बेटियों से... 

पोते -पोती.. नाते -नाती... 

हैं सब हमारे पास.. 

पर अरमान नहीं कुछ बाकी.. 

क्योंकि तुम मेरे साथ हो.. 

बस इतना काफी हैं...। 


हर पल तुमने समझा हैं.. 

तुमने ही सहारा दिया हैं.. 

हर रिश्ते ने जब साथ छोड़ा.. 

तब तुमने ही दामन थामा हैं.. 

अब नहीं हैं आस.. किसी ओर सहारे की... 

क्योंकि तुम मेरे साथ हो... 

बस इतना काफी हैं.. 

बस इतना काफी हैं...।। 


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