इश्क़ का नमक
इश्क़ का नमक
साथ तुम्हारे चलते चलते
हाथ तुम्हारा थामे थामे
चलता रहा साँसों का सिलसिला
इश्क में कुछ नमक मेरा
कुछ नमक तुम्हारा...
सुख दुख के इंद्रधनुष में तैरता
अश्क़ों की चिंगारियों पर
मुस्कानों की मीठी फ़ुहार
जीस्त में कुछ नमक मेरा
कुछ नमक तुम्हारा...
नमक...
महज़ स्वाद नहीं व्यंजनों का
नमक...
महज़ ख़्वाब नहीं ज़ेबा चिलमनों का
नमक
ज़िन्दगी के सफ़र का हमराही
मुहब्बत में कुछ नमक मेरा
कुछ नमक तुम्हारा...
थोड़ा मैं घुलती हूँ थोड़ा तुम घुलते हो
फ़िर मिलता है स्वाद ज़िन्दगी का
लज़्ज़त-ए-वस्ल में कुछ नमक मेरा
कुछ नमक तुम्हारा।

