STORYMIRROR

Nilam Kadam

Romance

4  

Nilam Kadam

Romance

याद तुम्हारी

याद तुम्हारी

1 min
330

तेजाब सम जान जलाये याद तुम्हारी 

मुझे रुलाकर खुद मुसकाये याद तुम्हारी।

किसी तरह की बदनामी का डर ना इसको

पल पल मेरे करीब आये याद तुम्हारी।

कैसे सबसे तेरी मोहब्बत छिपाती फिरूँ 

बिच सड़क मे मुझे हसाये याद तुम्हारी।

तुम्हारी तरह कभी वो मुझसे रूठती नही 

हरदम मेरा साथ निभाये याद तुम्हारी।

शाम को जब जब तन्हाई का आलम छाये

चुपकेसे आके दिल बहलाये याद तुम्हारी।

रात रात भर सोने भी ना देती मुझको 

सांप की तरह डसती जाये याद तुम्हारी।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance