तुम्हारा जन्मदिन
तुम्हारा जन्मदिन
हम रूठते हैं, मनाते हैं
बच्चों की तरह लड़ जाते हैं
दोबारा बात नहीं करेंगे
एक दूसरे से ये कह कर
फिर बाहों में बाहें डाले
आगे बढ़ जाते हैं
इतने सालों के साथ में
मेरी एक कमाई तुम हो
इन बोगस चार दीवारों में
मेरी अंगनाई तुम हो
दुनिया के भद्दे चेहरों से
तुम मुझे बचाते आये हो
लेकिन बेसिर की बातों से
तुम मुझे सताते आये हो
इक दिन सारी उलझन छोडो
अपनी तकलीफ़ बताओ तो
कुछ अपना दर्द बताओ तो
कुछ अपने राज़ सुनाओ तो
अपने सपनों की दुनिया में
बस मैं तुम और नही तिनका
मुझको रहता तुमसे ज्यादा
इंतज़ार सनम बस इस दिन का।

