बँधन या मुक्त
बँधन या मुक्त
रोकने को किसी परिंदे की उड़ान
लोग अपनाते है
अपने खास दांव-पेंच
क्यूँ भला बुरे बनो तुम
क्यूँ देखें सब
तुम्हारे नुकीले नाखून
तुम्हारे पास तो
पारदर्शी मोम का भंडार है
काफी है
बस ताड़ लगा के
पकड़ो उसके पंंख
टपकाते जाओ मोम
तब तक, जब तक
उसका आत्मबल
टूट न जाये
तब तक
जब तक उसकी उड़ान
छूट ना जाए..
बैठो शाबाशी दो
खुद को..
तुमने किसी को इस हत्या की
खबर नहीं लगने दी
