STORYMIRROR

Neetu Maurya

Romance

4  

Neetu Maurya

Romance

श्रृंगार

श्रृंगार

1 min
277

मिलोगे जब तुम मुझे तो ,

मैं सीने से तुम्हे अपने लगा लूँगी , 

सुकूँ सारा हम दोनों के हिस्से में ले आऊंगी , 

कब्ज़ा दिल का मन तेरे पे मैं 

आसमान की तरह कर लूँगी ,

मिलेगी न रिहाई तुझे इस कदर पल्लू में 

अपने उलझा लूँगी ,

बना के तुझे श्रृंगार अपना खुद को मैं सँवार लूँगी,

अँखियों में अपने तुझे सुरमें की तरह भर लूँगी,

तेरी अँखियों की नमी से बने मोती 

झुमकों में अपने जड़ लूँगी,

तेरी बाहों वाली करधनी मैं कमर पर पहनूँगी ,

होंठो पे अपने तुझे मुस्कान के रूप में सजा 

श्रृंगार अपना मैं पूरा करूँगी ।।


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance