तेरे आने की आहट
तेरे आने की आहट
तेरे आने की आहट मिल जाने भर से ये मौसम
बहकने लगता है, न जाने कैसे तेरे आने का
इसे पता लगता है, की हर तरफ तेरे
आने की महक से महकने लगता है ,
उपवन भी रंग अपने सारे के सारे उकेरता है ।।
तेरे आने की आहट मिल जाने भर से चाँद भी
नज़रें चौखट पे रख खामोशी से तेरी राह तकता है,
इंतज़ार तेरे में आसमान सारा तारों को लिए
अपनी आगोश में तेरी राह तकता है ।।
तेरे आने की आहट भर से हवाएं भी गुनगुनाती है,
तेरे मुखड़े को देख ये नज़रें शर्माती है
गालों पे लाली इक प्यारी आ जाती है ।।
तेरे स्वागत में
दिन की शामें हसीन और रातें शबनमी हो जाती है ,
ये रात बाहों में तेरी आ के पिघलने लगती है ,
देख के ये सारा आलम दिल आहें सी भरता है,
की दिल का मन तेरी रूह में मिल जाने को करता है ।।