हो इज़ाज़त तुम्हारी तो
हो इज़ाज़त तुम्हारी तो
चाहत है इक अगर हो इजाज़त तो कह दूं
क्या मैं तुम्हें तुमसे ही माँग लूँ ..
ये ज़िन्दगी संग तेरे आधी आधी बाँट लूँ..।।
अगर हो इजाज़त तुम्हारी तो , क्या तुम्हारा हाथ
ज़िन्दगी भर के लिए थाम लूँ
और कदमों से तेरे क़दम मिला लूँ ।।
बनके तेरी मंज़िल का रास्ता मैं संग तेरे हो लूँ
और पूरे रीति रिवाज़ो संग तेरा नाम मैं ,
अपने नाम संग ज़िन्दगी भर के लिए जोड़ लूँ ।।