कन्या कहकर पूजें जिसको अजन्मी का करें संहार शर्म लिहाज़ रिवाज़ के परदे में खो गया कन्या कहकर पूजें जिसको अजन्मी का करें संहार शर्म लिहाज़ रिवाज़ के परदे...
याद आते हैं वो दिन बेफिक्री के, जब ना सोच थी, ना समझ और ना अक्ल यारो। अब लगता है क्यों हो गये हम सम... याद आते हैं वो दिन बेफिक्री के, जब ना सोच थी, ना समझ और ना अक्ल यारो। अब लगता ह...
हाथ सुर्ख खून में फिर भी सफेदपोश है, ज़बान के मीठे है सियासत से भरे लोग........ हाथ सुर्ख खून में फिर भी सफेदपोश है, ज़बान के मीठे है सियासत से भरे लोग........
तुम्हारे शहर में अलग होना एक रिवाज़ होगा हमारे शहर में तो लोग इसे जुदाई कहते हैं। तुम्हारे शहर में अलग होना एक रिवाज़ होगा हमारे शहर में तो लोग इसे जुदाई कहते ...
बेटी के लिए भी ये जुदाई समन्दर के समान होगी, क्या अब उसके पति के हाथों में उसकी ज़िदगी बेटी के लिए भी ये जुदाई समन्दर के समान होगी, क्या अब उसके पति के हाथों में उस...
एक हद तक तो ठीक है ये सब मगर इसके सकरात्मक पहलू से ज्यादा नकरात्मक पहलू है एक हद तक तो ठीक है ये सब मगर इसके सकरात्मक पहलू से ज्यादा नकरात्मक पहलू ...