देख रही हूँ, सब पाषाण बनकर गृहणी पंचकूला इंस्टाग्राम आईडी - iam_shashiaswal ईमेल आईडी - rawatpiya53226@gmail.com
वो चाँद चुपके से सब तारों पर नजर रखता है। वो चाँद चुपके से सब तारों पर नजर रखता है।
रेणू जी खुश थे कि कैसे वो सब तूफान से बच निकले सब साथ-साथ रहकर... रेणू जी खुश थे कि कैसे वो सब तूफान से बच निकले सब साथ-साथ रहकर...
आखिरकार सगाई का दिन आ ही गया। आखिरकार सगाई का दिन आ ही गया।
जिसमें खाते है उस थाली में छेद नहीं करते... जिसमें खाते है उस थाली में छेद नहीं करते...
मगर दूध तो निकल ही नहीं रहा। दूसरे से भी कोशिश की मगर कुछ नहीं निकला। मगर दूध तो निकल ही नहीं रहा। दूसरे से भी कोशिश की मगर कुछ नहीं निकला।
दूसरी तरफ अंजुल खुद को भी कसूरवार समझ रहा था संजीवनी के अकेलेपन का। दूसरी तरफ अंजुल खुद को भी कसूरवार समझ रहा था संजीवनी के अकेलेपन का।
। तो वो मृत समान हो जाता है। जिस के पास जीने की कोई हिम्मत ही नहीं रहती। । तो वो मृत समान हो जाता है। जिस के पास जीने की कोई हिम्मत ही नहीं रहती।
गिद्ध रूपी लोगों का वहशीपन उनकी आँखों की पुतलियों में तांडव कर रहा था। गिद्ध रूपी लोगों का वहशीपन उनकी आँखों की पुतलियों में तांडव कर रहा था।
भाई-बहन का प्यार रेशम की डोर की तरह होता हैं भाई-बहन का प्यार रेशम की डोर की तरह होता हैं
इधर क्या कर रही हो ? सुमित की बातों से वो अपने ख्यालों से निकली। इधर क्या कर रही हो ? सुमित की बातों से वो अपने ख्यालों से निकली।