अधूरा प्यार
अधूरा प्यार


तुम कैसी हो विवान ने पूछा।
हाँ, मैं ठीक हूँ शीना ने कहा।
तुम्हारा मन लग गया वहाँ? विवान ने पूछा।
अब मन का क्या है विवान। मन तो लगाना ही पड़ता हैं ना, न चाहते हुए भी। नौकरी तो करनी पड़ेगी ना!
हाँ, वो तो है ही। तुम बस अपना ख्याल रखो विवान ने कहा।
हाँ रख रही हूँ। और बताओ तुम्हारा मन लग जाता है मेरे बिना वहाँ ? शीना ने पूछा।
नहीं यार। बहुत कोशिश करता हूँ। पर नहीं लगता। हर पल याद आ जाता है जोकि तुम्हारे साथ बिताए थे मैंने विवान ने उदास होते हुए कहा।
हाँ, मुझे भी वो पल याद आते है जो हमने एक साथ बिताए थे। एक साथ घूमना, एक दूसरे के साथ वक्त बिताना, ठंडी के मौसम में कुल्फी खाना, एक दूसरे को मनाना वगैरह। मैं उन यादों को बहुत याद करती हूँ शीना ने एक लंबी साँस छोड़ते हुए कहा।
तुम तो बस उन पलों को याद करती हो, मैं तो उन पलों को महसूस करता हूँ, उनके साथ जीता हूँ विवान ने कहा।
मैं जल्दी ही आऊँगी तुम्हारे पास, तुमसे मिलने शीना ने जोश में कहा।
मैं तुम्हारा इंतजार करूँगा विवान ने कहा।
बिछडन वो टीस होती है जो किसी दुश्मन को भी ना मिले। प्यार करने वाले तो जल बिन मछली की तरह फड़फड़ाने लगते है। एक एक पल एक जिंदगी के बराबर लगता है।
ऐ तुम किस से बात कर रहे हो? पीछे से आवाज़ आई।
मैं तो अपनी शीना से बात कर रहा हूँ विवान ने पीछे मुड़ते हुए कहा।
पकड़ लो इसे ये डाक्टर साहब के फोन
को छेड़ रहा था पागल।
मैं पागल नहीं हूँ। विवान ने खुद को छुडा़ते हुए कहा।
ये क्या हो रहा है सब? डाक्टर साहब ने पूछा।
साहब ये आपके फोन को छेड़ रहा था।
छोड़ दो उसे डाक्टर साहब ने कहा।
विवान दौड़ कर डाक्टर के पास जाता है।
डाक्टर शीना ने मुझे कहा है कि वो मुझे मिलने जरूर आएगी।
हाँ विवान आएगी वो। चलो जाओ अब अपने कमरे में। जब वो आएगी मैं बता दूँगा तुम्हें तब।
हाँ, मैं ना कमरे में जा के उसका इंतजार करता हूँ। विवान वहाँ से चला जाता है ।
साहब आपने उसे जाने क्यों दिया? पता नहीं किस से बातें कर रहा था आपके फोन से। और पता नहीं क्या-क्या कर रहा होगा इधर कब से।
शीना से, शीना से बात कर रहा होगा वो।
ये शीना कौन है?
विवान शीना से प्यार करता था और उसी का इंतजार करता है अभी भी डाक्टर ने कहा।
तो ये पागल कैसे हुआ साहब?
वो इससे मिलने आ रही ही थी दूसरे शहर से और आ भी गई थी।
फिर क्या हुआ?
लेकिन इस की आँखों के सामने ही शीना की दुर्घटना में मौत हो गई जब वो इससे मिलने आ रही थी और तब से विवान ऐसा ही है। रोज उसी को फोन करता है, बातें करता है उससे। पर अब कभी वो विवान से मिलने नहीं आ सकती...
अधूरा प्यार उस जिंदा इंसान की तरह होता है जिसके सपनों को कुचल दिया गया होता है। तो वो मृत समान हो जाता है। जिस के पास जीने की कोई हिम्मत ही नहीं रहती।