रेशम की डोर
रेशम की डोर


माँ, देखो कितनी सुंदर और आकर्षक राखियाँ हैं यहाँ। मन तो करता हैं कि सारी ही ले लूँ। बाजार की चकाचौंध को देख कर किट्टू फूली नहीं समा रही। आखिरकार किट्टू ने भीम वाली राखी ले ही ली छोटू के लिए।
जब राखी बाँधने का समय आया तो भीम वाला कार्टून अलग हो गया और धागा टूट गया। किट्टू तो रोने ही लग गई। आखिर कितने प्यार से लाई तो वो।
मैनें पहले तो उसे चुप कराया फिर रेशम का धागा दिया उसे। छोटू को रेशम का धागा बांध कर दूसरे कमरे में चली गई।
lor: rgb(0, 0, 0);">हाँ, इतनी खुश तो नहीं थी वो पर उदास भी नहीं थी।
रात को जब सोने का समय हो गया तो कहने लगी माँ मैंने जो राखी ली थी वो तो टूट गई। मुझे बहुत बुरा लगा।
फिर मैंने समझाया कि बेटा प्यार किसी आकर्षक या सुंदर राखी जैसा नहीं होता हैं जोकि आसानी से टूट जाए। भाई-बहन का प्यार रेशम की डोर की तरह होता है जो कोमल और मुलायम तो होता हैं पर मजबूत और अटूट होता हैं।
और तब से लेकर आज तक किट्टू छोटू के हाथ में रेशम का धागा ही बाँधती है।