Shashi Aswal
Literary Colonel
AUTHOR OF THE YEAR 2019 - NOMINEE

99
Posts
56
Followers
0
Following

देख रही हूँ, सब पाषाण बनकर गृहणी पंचकूला इंस्टाग्राम आईडी - iam_shashiaswal ईमेल आईडी - rawatpiya53226@gmail.com

Share with friends
Earned badges
See all

अधिकार तो सब जमाते हैं मगर कोई कर्तव्य नहीं निभाता समझाते तो सब हैं लेकिन कोई समझना नहीं चाहता

मैंने पूछा खुदा से क्या हैं ऐसा कोई इस दुनिया में जो माँ की जगह ले सकता हैं उन्होंने कहा नहीं मूर्ख हम तो खुद धरती पर माँ का प्यार पाने के लिए अवतरित होते रहते हैं...

अक्सर हम उन्हें ही खोने से डरते है जिन्हें हम कभी पा नहीं सकते शशि असवाल

भीड़ का हिस्सा बनने से अच्छा है भीड़ होने का कारण बनो... शशि असवाल

आज हम भीड़ का हिस्सा है कल तुम भीड़ का हिस्सा होंगे... शशि असवाल

जिंदगी पर असर सारी उम्र निकल गई बालपन से पचपन तक मगर अब समझ आया कि जिंदगी का असली मजा जो है वो बचपने में ही है...

जिंदगी पर असर यादों की सफर का जिंदगी पर असर सुहाना सा लगता है एक चलचित्र की भांति रंगीन सा लगता है ठोकर से लगे चोट अब आत्मविश्वास सा लगता है...

पचपन तक का सफर लड़कपन के जोश को देखकर अब हँसी आती है कभी हम भी ऐसे ही थे जिद्दी, किसी की ना मानने वाले बस अपने मन की करनी अब ख्याल आता है माँ-बाबा की बातों का उनकी दी गई सीख का जैसे हम अब समझ गए वैसे वक्त आने पर ये भी समझ जाएँगे...

पचपन तक का सफर जीवन के पचास बसंत पार कर जी लिए जिंदगी की आधी उम्र


Feed

Library

Write

Notification
Profile