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पचपन तक का...

पचपन तक का सफर लड़कपन के जोश को देखकर अब हँसी आती है कभी हम भी ऐसे ही थे जिद्दी, किसी की ना मानने वाले बस अपने मन की करनी अब ख्याल आता है माँ-बाबा की बातों का उनकी दी गई सीख का जैसे हम अब समझ गए वैसे वक्त आने पर ये भी समझ जाएँगे...

By Shashi Aswal
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