कल नया साल होगा
कल नया साल होगा
दिनभर मुस्कुराती रहतीं हूँ
दुनिया देखे तो छुपाती रहती हूं
तेरी यादें बड़ी ही शरारती सी है
मैं आईने में देख इतराती रहती हूं
तेरे साथ में कहीं जाना अच्छा लगता है
तू देखे तो शरमाना अच्छा लगता है
तो पूछे तो मैं मना करती हूं लेकिन
तुझसे मिलने का बहाना अच्छा लगता है
बहुत सारी बातें करनी है तुमसे
दिल का सारा हाल बताना है
शायद तुम्हें खबर नहीं है कि
हमें देख जलता सारा जमाना है
हमारी सारी ख्वाहिशें पूरी होगी
खुदा ने हमारा एक मत बनाया है
अब खुद को तुम्हें सौंप देंगे क्योंकि
मुझे तुम्हारा अमानत बनाया है
अरसो बाद कल हम फिर मिलेंगे
फिर जाने क्या और कैसा हाल होगा
इस बार साल अच्छा नहीं बीता था पर
कल ही मेरा एक नया साल होगा!