प्यार की ज़िद
प्यार की ज़िद
तुमने मेरे दिल में बनाई जगह
तो इसमें मेरा क्या कुसूर
तुम्हीं ने पास आके जगाई आस
तो मुझ पे छाया यूं सुरूर
प्यार की दीवानी मैं तो
हूं ही सब में बदनाम
तुमने भी जताई दीवानगी
तो अब किस बात का इतना गुरुर
तुमने मेरे प्यार को जिंदगी में किया शामिल
तो मैं हुई फिर दिल से मजबूर
तुम्हींने सजाए सपने साथ निभाने के
तो हकीकत बना मेरा तसव्वुर
समझ के फकत एक हादसा तुम तो
चले हो भुलाने सबकुछ
तुमने ही कर लिया फैसला जुदा होने का
तो अब प्यार की ज़िद हुई हैं मगरुर।