बधाई
बधाई
तू है बेदाग़ चाँद का टुकड़ा
लाखों में एक है तेरा मुखड़ा
सोने जैसा रूप तेरा है हैरत
चाँदी जैसी उजली है सीरत
दिल की भी है तू बहुत ख़ूबसूरत
मुस्कान तेरी दूर करती है मनहूसियत
मिलते ही बना लेती है अपना
कमाल का है तेरा यह गहना
देती है आँचल की शीतल छाया
जो भी तेरे पहलू में पास है आया
तू किसी गुलाब से नहीं है कम
महकाती रहती है चमन को हरदम
नज़र न लगे किसी की भी तुझे कभी
रास आती रहें जहाँ की ख़ुशियाँ सभी
तुझे और क्या तोहफ़ा दूँ बधाई के साथ
हर सुख-दुःख में चले हाथ में लेकर हाथ
ना भूलना बचपन की दोस्ती ये अठखेली
सच्चे मन से तुझे चाहती है तेरी ये सहेली
