STORYMIRROR

Aishani Aishani

Romance

4  

Aishani Aishani

Romance

तुम समझ सकोगे क्या..!

तुम समझ सकोगे क्या..!

1 min
312

 साथ रहकर पता पड़ा

क्या होता है किसी का साथ

क्या होता है किसी का ना होना

और यह भी कि... 


क्या मूल्य होता है एक दूसरे के सहयोग का, 

पर.. 

क्या तुम समझ पाए इन सब की सार्थकता..?

समझ सकते हो अगर गगन ना हो तो

ये चाँद सितारे कहाँ होते 

और ये प्रचंड तेज वाला सूर्य कहाँ जाता..? 


जो ना होता पृथ्वी और पाताल का साथ तो

ये ऊँचे ऊँचे पर्वतों से गिरकर

 कल कल करती नदियाँ कहाँ जाती..? 

साथ ना होता पवन का तो

 ये प्राणवायु कहाँ से मिलती..?


Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance