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Aishani Aishani

Romance

4  

Aishani Aishani

Romance

तुम समझ सकोगे क्या..!

तुम समझ सकोगे क्या..!

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 साथ रहकर पता पड़ा

क्या होता है किसी का साथ

क्या होता है किसी का ना होना

और यह भी कि... 


क्या मूल्य होता है एक दूसरे के सहयोग का, 

पर.. 

क्या तुम समझ पाए इन सब की सार्थकता..?

समझ सकते हो अगर गगन ना हो तो

ये चाँद सितारे कहाँ होते 

और ये प्रचंड तेज वाला सूर्य कहाँ जाता..? 


जो ना होता पृथ्वी और पाताल का साथ तो

ये ऊँचे ऊँचे पर्वतों से गिरकर

 कल कल करती नदियाँ कहाँ जाती..? 

साथ ना होता पवन का तो

 ये प्राणवायु कहाँ से मिलती..?


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