मुहब्बत है
मुहब्बत है
हाथों की लकीरें, क्या मोहब्बत बताएगी?
मेंहदी की महकती रंग,क्या मोहब्बत जताएगी?
मोहब्बत तो प्रेम के पीड़ की पावन कहानी है ,
कि दो एक हो जाए तो समझ लेना मुहब्बत है।
कि सावन में, बादलों को दिवाना मोर होता हैं।
चांदनी रात में पागल चकोर होता है ।
कि राधा और मीरा भी दिवानी कृष्ण की हुई,
प्रेम जोगन बना दे तो समझ लेना मुहब्बत है।
तेरी आंखों में जो दिखूं,समझ लेना मुहब्बत हैं।
तेरी रातों की नीदों को, चुरा लूं तो मोहब्बत हैं,
मेरे हमराह मेरे हमदम, तू मेरी दिल की धड़कन सुन,
जो तेरा नाम ले तो समझ लेना मोहब्बत हैं।
दुनिया को जब आंका, फरेब के सब पुजारी थे।
मुहब्बत को वफा का हिस्सा बताते थे।
कोई रोया,कोई खोया, सियासी या मुहब्बत था,
खुदा की इबादत कर लो तो समझ लेना मोहब्बत हैं।