STORYMIRROR

Sarita Kumar

Romance

4  

Sarita Kumar

Romance

जीवन के बाद

जीवन के बाद

1 min
275

मेरे बाद 

तुम लिखना 

मेरी कहानी 

सिर्फ मेरी 

बगैर तुम्हारे 

देखना 

तुम शून्य हो जाओगे 

निःशब्द हो जाओगे 

नहीं सूझेगा तुम्हें वाक्य 

नहीं याद आएगी कोई बात 

जो तुम्हारे बिना हुई हो ....

एक भी खुशी 

और 

एक भी गम 

नहीं मिलेंगे 

जिसमें तुम शामिल नहीं थे

तुम्हारे बिना 

मेरा कोई वजूद न था 

तुमसे शुरू हुई थी मेरी जिंदगी 

बीहड़ अनिश्चितता के डगर पर 

बड़ी लम्बी 

सदियों की दूरी 

मीलों के फासले 

तय किए हैं हमने 

साथ साथ चलकर

उम्र के इस पड़ाव पर 

पहुंचे हैं ....

जहां कदम लड़खड़ाने लगे थे

निगाहें मद्धिम हो चली थी 

आवाज़ साथ नहीं दे पा रही थी 

मेरे मन में उठते विचारों को अभिव्यक्त करने में  

शब्दहीन मन 

निढाल तन 

लरजते अश्क 

नीरस उबासी भरी दोपहरी 

और तुम ........

लिखना कभी मेरी कहानी बिना तुम्हारे साथ के ......

नहीं लिख पाओ तो समझ लेना 

तुम मुझ में समाहित हो चुके हो 

और 

और मैं 

तुम में विलीन ...........!



Rate this content
Log in

Similar hindi poem from Romance