बारिश की फुहार
बारिश की फुहार
हल्की हल्की बारिश
ठंडी ठंडी फुहार
ऐसे में आ गई
तुम्हारी याद बेहिसाब
भींगे थे उस दिन
संग संग हम तुम
पड़ गए बीमार
संग संग हम तुम
आए नहीं कई रोज
मिलें नहीं हम तुम
हल्की हल्की बारिश ने
कर दिया हमें दूर
आंसूओं को झड़ी लगी
फिर खूब हुई बरसात
बीतें दिन बहुत भारी
रातें गुज़री हताश
आए फिर जब तुम
किया हजारों बात
भूलें नहीं अब तलक
वो हल्की हल्की बारिश
भींगे थे जब संग संग
हम तुम बेहिसाब ।