सर्द हवाओं का मौसम
सर्द हवाओं का मौसम
जाड़े की खिली धूप में,
तुमसे बात करना चाहता हूँ,
सूरज की आती किरणों संग,
तुमसे मिलना चाहता हूँ,
वो सर्द-सर्द मौसम,
और तुम्हारा मेरे करीब यूँ आना,
तुम संग बैठकर,
तुमसे बहुत कुछ कहना चाहता हूँI
खिली धूप का यूँ चमकना,
तुम्हारे चेहरे को देखकर,
चमकती किरणों से खेलती,
तुम्हारी जुल्फों को छूना चाहता हूँ,
जमाने ने दिये जो भी गम,
उन सभी गमों को भूल जाना चाहता हूँ I
वो सर्द हवाओं का मौसम,
लगता जैसे सिमट जाऊँ,
सिमट कर तेरी बाहों में,
आज मैं खो जाना चाहता हूँ,
बहक जाऊँ,
तेरी आगोश में आकर खो जाना चाहता हूँI
खूबसूरत मौसम में,
तेरे इश्क में गिरफ्तार हो गया,
मेरे सीने में धड़कता दिल,
आज गुनाह करना चाहता है,
सर्दी के मौसम में,
अपना हर दर्द भूल जाना चाहता है।
प्यार ही प्यार,
बिखर रहा है फिजाओं में,
इस खूबसूरती में,
खुद को भूल जाना चाहता हूँ,
मुस्कुराने की वजह मिल गई,
अपनी मोहब्बत का,
इजहार करना चाहता हूँ।