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Nisha Kamwal

Abstract Inspirational

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Nisha Kamwal

Abstract Inspirational

दुनिया

दुनिया

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दुनिया का असूल है दोस्त जब तक आप हो कोई परवाह नही,

जिस दिन छोड़ कर चले गए , खुदा कसम तुम - सा कोई नही,


ये मतलबपरस्त लोगों की भीड़ से निकलना सीख ही लो तुम,

अपना तो बस एक खुदा है कोई यहाँ किसी का रिश्तेदार नही,


बे - तलब रहो इसके तलबगार कभी भी न बन जाना  तुम,

क्षणभर का अपनापन मोह लगा के पीछा ताउम्र छोड़ता नही,


"मेरा मेरा का " यह भ्रम इन अति व्यापक नजरो में बसाये हो,

सब कुछ यही ही रह जाना है यह देह नश्वर है कोई शाश्वत नही,


अपनी श्रेष्ठ बुद्धि के माना तुम भी बड़े ही सर्वश्रेष्ठ बुद्धिमान  हो,

परन्तु गलतियों के पुतले भी  तुम ही हो यहाँ कोई भगवान नही,


तिलस्मी!!!! जादुई दुनिया के इस जादू से तनिक दूर ही रहो तो,

बेहतर है यहाँ किसी के राज़ गहरे है तो किसी की खबर तक नही,


खैर ज़नाब हम कौन से इस फ़ानी दुनिया के अलग होकर जिये है,

हम भी तो इसी में रहते है, मानना चाहो तो मानो जबरदस्ती नहीं।


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