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Hrishita Sharma

Abstract

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Hrishita Sharma

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"मां"

"मां"

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माना दुनिया कहती है कि मैं पराई हूं

पर ये भी तो सच है मां कि मैं तेरी परछाई हूं


सब रिश्तों से परे मां तेरा-मेरा नाता है

तेरे होने से ही तो घर हमारा मुस्कुराता है


तुझसे ही तो है सीखा

मुश्किलों से लड़ने का तरीका


मां तेरा रुप ही भगवान की पहचान है

तेरे होने से ही तो जीवन में खुशियों का वरदान है


हर छोटी-बड़ी बड़ी मुश्किल का हल है तू

सबको एक धागे में तूने ही बांधा है


संसार चलाने में भगवान और

तेरा सहयोग आधा-आधा है।


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