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Ruchika Rai

Abstract

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Ruchika Rai

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कोरोना का कहर

कोरोना का कहर

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मृत्यु के इस तांडव में झुलस रहे हैं हम,

हर आने वाली खबर पर थोड़ा मर रहे हैं हम।

चाहते हैं फर्क न पड़े हमें ईश्वरीय कहर से,

पर भावनाओं के जाल में उलझ रहे हैं हम।


आसान नही होता एक भी ऐसी खबर सुनना,

पर खबरों के इस फेहरिस्त से तड़प रहे हैं हम।

मानते हैं ईश्वर के आगे बेबस लाचार हैं,

पर अपनी बेबसी को महसूस कर रहे हैं हम।


काश की ईश्वर की सजा पहले मुझे ही मिलती,

पर ईश्वर के चोट से तिल तिल कर मर रहे हैं हम।

हे प्रभु अब तो हमारी खता को माफ कर दो,

हाथ जोड़े तेरे दर पर मचल रहे हैं हम।


पता नही कब हमारे हिस्से ये मृत्यु आएगी,

हर रोज मृत्यु की खबरों से थोड़ा मर रहे हैं हम।


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