माँ
माँ
घर की खिड़की सी मेरी माँ
प्यारी झिड़की सी मेरी माँ,
जिसके बिना पल भर चले न जिन्दगी
धड़कन मेरे दिल की धड़की सी मेरी माँ।
दिल की पुकार है वो
पतझड़ में बहार है वो,
धूप में ठण्डी छाँव है
शीतल बयार है वो।
हमें जान से है प्यारी
मेरे जीवन की फुलवारी,
हम भाई बहन सब है उपवन
इस उपवन की वो माली।
उजली सी भोर मेरी माँ
आशा की डोर मेरी माँ,
घर से बाहर जाने आने तक
दुआओं का दौर मेरी माँ।
