जिंदगी
जिंदगी
पल भर में खुशी,
पल भर में उदासी।
दोनो अलग नहींं,
मुस्कूकुरा रही है जिंदगी।
मगर संतुलित नही जिंदगी।
कुछ ख्वाब है जो
पता लगाने चली है जिंदगी।
इंटजर करो कहकेहती है जिंदगी।
और संघर्ष कराती है जिंदगी।
नासमझ है हम और
जिंदगी सीखनेने का मौका है।
ध्यान से देखा होता, तो एहसाज हुआ होता
हम तो हमेशा से
प्राप्त कर रहे है या तो चुका रहे है।
हमें तो प्यार से जीना है।
निद्रा से जगना है।
अपना कर्म करना है।
