बहुत ही कीमती है तू.स्वराक्षी
बहुत ही कीमती है तू.स्वराक्षी
सनम दिल जान से मैं तो,तुम्हे ही प्यार करती हूं
बहुत ही कीमती है तू, तुम्हें खोने से डरती हूं...
मुझे दिन रात ही अब तो,तुम्हारी याद आती है
तुम्हें मैं कह नहीं पाऊं,मुझे कितना सताती है
नही परवाह दुनियां की,कसम खा के ये कहती हूं
बहुत ही कीमती.............
कि ऐसे रूठना तेरा,मुझे अच्छा नहीं लगता
सिवा तेरे जहां में तो कोई सच्चा नहीं लगता
खुदा से पहले जाने जां तुम्हें ही याद करती हूं
सताया है मुझे सबने, कि मेरा दिल भी तोड़ा है
मुलायम थी स्वरा सबसे,तभी इतना मचोड़ा है
नही मेरा कोई अब है,तुम्ही से आस करती हूं
बहुत ही कीमती..................